महाभारत से जुड़े 7 सबक जो जीवन बदल (mahabharat se jude 7 sabak jo jeevan badal de in hindi)

 नमस्कार, 


दोस्तों हिंदू धर्म से जुड़े व्यक्ति ने कभी ना कभी रामायण, महाभारत तथा गीता का दृश्य, श्रवण या पाठन जरूर किया होता है। कुछ लोग तो अपने दैनिक जीवन में भी इन महान ग्रंथों का पाठन जरूर करते हैं। पर क्या आपको लगता है कि इन महान ग्रंथों को पढ़ने मात्र से हमारे जीवन में कुछ बदलाव संभव हो सकता है ?

जी हां दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करेंगे महाभारत काव्य से जुड़ी 7 ऐसी सिख या सबक के बारे में जिसे हर मनुष्य को अपने जीवन में जरूर शामिल करना चाहिए।

दोस्तों महान ग्रंथ बने ही इसलिए होते हैं कि हम उन्हें पढ़ कर देख कर उनके पात्रों व उनकी गलतियों व जिंदगीयों से सबक लेकर अपने जीवन सुधार सकें।


व्यक्ति को अपने जीवन को कैसे जीना चाहिए ? मनुष्य को अपने जीवन में किस तरह का आचरण करना चाहिए ?
महाभारत से जुड़े 7 सबक



हिंदू धर्म के महान ग्रंथ शुरू से ही व्यक्ति को अपने जीवन को कैसे जीना चाहिए ? मनुष्य को अपने जीवन में किस तरह का आचरण करना चाहिए ? आदि के बारे में शिक्षा देते आ रहे हैं। तो चलिए अब हम शुरु करते हैं जीवन को बदलने वाले महाभारत के उन 7 सबक या सिख बारे में आज का हमारा लेख।

1.) सोच समझकर वचन देना


महाभारत से मिलने वाली सबसे प्रमुख व महत्वपूर्ण सीख में से एक है सोच समझकर वचन देना। महाभारत के सबसे प्रमुख पात्र भीष्म पितामह से हम यह सीख सकते हैं कि हमें वचन हमेशा सोच समझ कर ही देना चाहिए।

हमारे वचन का हमारे भविष्य, परिवार, समाज व देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह हमें किसी को भी वचन देने से पूर्व भली-भांति सोच लेना चाहिए।




भीष्म पितामह ने बिना सोचे समझे अपने पिताजी को आजीवन विवाह न करने व हस्तिनापुर का युवराज न बनने का वचन देकर हस्तिनापुर राज्य को विनाश की ओर अग्रसर कर दिया।

इसलिए दोस्तों महाभारत से मिलने वाली सबसे प्रमुख सिख में से एक ही सोच समझकर वचन देने का सबक।


2.) छल सबककपट से दूर रहना


दोस्तों महाभारत के प्रमुख व दूसरे सबसे महत्वपूर्ण पात्र का नाम  हैं शकुनी मामा। शकुनी मामा को लगता था कि छल,कपट व प्रपंच का सहारा लेकर हमेशा जीत हासिल की जा सकती है।




शकुनी मामा ने छल कपट के सहारे चौसर के खेल में पांडवों को एक बार परास्त कर देने के बाद वे सोचने लगे कि युद्ध में भी पांडवों को पराजित किया जा सकता है। परंतु दोस्तों छल कपट हर जगह पर काम नहीं आता है।


3.) चीजों का दुरुपयोग ना करना


राजा धृतराष्ट्र का पुत्र होने के कारण दुर्योधन अपनी संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग करता था। अपने घमंड के कारण पांडवों को नीचा दिखाना, प्रजा का आदर न करना आदि दुर्गुणों के कारण व चीजों के दुरुपयोग के कारण दुराचारियों के साथ अंत में स्वयं दुर्योधन का भी सर्वनाश हो गया।

इसलिए दोस्तों किसी भी चीज की अधिकता जैसे संपत्ति बल, शक्ति, प्रसिद्धि आदि का हमें दुरुपयोग करने से बचना चाहिए।


4.) बुद्धि व विवेक से काम करना


दोस्तों यदि पांडवों की बात की जाए तो पांचो पांडव में भीम के पास सबसे अधिक बल था परंतु बुद्धि व विवेक के हिसाब से अर्जुन सर्वश्रेष्ठ योद्धा था। अर्जुन के पास बुद्धि के साथ-साथ विवेक भी था।

इसलिए जब श्री कृष्ण और उनकी सेना के बीच अर्जुन को किसी एक को चुनने का अवसर प्रदान हुआ तो अर्जुन ने अपनी बुद्धि व विवेक से श्री कृष्ण को चुना।




अर्जुन जबकि सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर था। वह चाहता तो सेना को चुन सकता था। इसलिए दोस्तों व्यक्ति की इस समझ का होना कि उसे क्या चुनना है इसके लिए बुद्धि के साथ ही विवेक का होना आवश्यक है।

यह भी महाभारत से मिलने वाली सबसे प्रमुख सीख में से एक है।


5.) सदा धर्म का पालन करना


दोस्तों पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर अपनी धर्मप्रियता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कभी भी धर्म का साथ नहीं छोड़ा। यही कारण था कि श्री कृष्ण को भी धर्म के लिए पांडवों की ओर से युद्ध करना पड़ा।

इसलिए दोस्तों हमें भी अपने जीवन में धर्म, न्याय व सच्चाई का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

6.) संतानों की गलत मांग पुरा ना करना


राजा धृतराष्ट्र पुत्र मोह में पड़कर अपनी संतानों की हर गलत इक्छा व मांग को पूरा करते रहे। परिणाम स्वरूप उन्हें महाभारत के युद्ध में अपने सभी पुत्रों से वंचित होना पड़ा।

दुर्योधन की गलत मांगो का अगर समय पर विरोध किया होता तो शायद इसका इतना गंभीर परिणाम ना होता। महाभारत हमें सिखाती है कि अपनी संतानों की उन्हीं इच्छाओ को पूरा करना चाहिए जो उचित हो।

7.) अधर्म का साथ न देना


महाभारत के युद्ध में बहुत ऐसे लोग थे जिन्होंने अधर्म का साथ जान-बूझ कर दिया जैसे अश्वत्थामा, कर्ण। अस्त्र शस्त्र का संपूर्ण ज्ञान होने के कारण भी सिर्फ अधर्म का साथ देने पर इनके जीवन की इतनी बुरी दुर्दशा हुई थी।




इसलिए अधर्म का साथ देने पर बड़े से बड़ा पद, पैसा, बल काम नहीं आता है क्योंकि अधर्म का परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। इसलिए आप भी महाभारत से सबक लेकर हमेशा धर्म का ही साथ दीजिए।

तो दोस्तों आशा करती हूं महाभारत से जुड़े यह 7 सबक आपको अपनी जिंदगी बदलने में मदद करेंगे। हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद।


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