कष्टभंजन हनुमान मंदिर सारंगपुर (गुजरात) की विस्तार पूर्वक जानकारी (Kashtbhanjan Hanuman mandir sarangpur gujarat ki vistarapoorvak jankari in hindi)

 नमस्कार,


दोस्तों हिंदुस्तान में अनेक मंदिर ऐसे हैं, जो देखने के लायक तो है ही साथ ही उनकी महिमा का वर्णन नहीं किया जा सकता है। आज हम आपको ऐसे ही एक हनुमान मंदिर के बारे में बताने वाले हैं। जो कि गुजरात में स्थित है। और यहां पर शनि पीड़ा से परेशान लोग दूर-दूर से हनुमान जी का दर्शन करने आते हैं।

कष्टभंजन हनुमान मंदिर सारंगपुर (गुजरात) के विस्तार पूर्वक जानकारी

Kashtbhanjan Hanuman



जी हां दोस्तों अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम गुजरात में स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर कष्टभंजन हनुमान मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कष्टभंजन, जो भी भक्त इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शनों के लिए आता है उन्हें उनके सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। तो चलिए शुरू करते हैं हमारे आज के लेख कष्टभंजन हनुमान मंदिर के बारे में।

कष्टभंजन हनुमान मंदिर कहां पर स्थित है :-
Where is the Kashtbhanjan Hanuman temple located:-


भारत के पश्चिम में स्थित गुजरात राज्य जहां पर भगवान शिव की नगरी सोमनाथ, भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका व माता काली का धाम पावागढ़ स्थित है, किंतु इन सबके अलावा गुजरात में स्थित सबसे अनोखा धाम सारंगपुर जिला जहां पर हमारे हनुमान जी कष्टभंजन हनुमान के नाम से विराजमान हैं। यहां पर हनुमान जी को महाराजाधिराज की संज्ञा दी गई है।

कष्टभंजन हनुमान मंदिर का इतिहास
(History of Kashtbhanjan Hanuman Temple)


कष्टभंजन हनुमान मंदिर की स्थापना विक्रम संवत 1905 में हुई थी। इस मंदिर की नींव अश्विन कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रखी गई थी। इस मंदिर का निर्माण सद्गुरु गोपालानंद स्वामी ने करवाया था।

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जानकारो के अनुसार करीब 200 वर्ष पहले भगवान स्वामीनारायण मंदिर के स्थान पर सत्संग कर रहे थे। भगवान स्वामीनारायण उस समय बजरंगबली की भक्ति में लीन थे। तभी हनुमान जी ने स्वामीनारायण को अपने उस दिव्य रूप के दर्शन दिए थे। जिसके बाद मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ कराया गया।

कष्टभंजन हनुमान मंदिर के निर्माण का कार्य भगवान स्वामीनारायण के भक्त गोपालानंद स्वामी ने कराया था। उन्होंने यहां पर हनुमान जी के बलशाली स्वरूप की मूर्ति की स्थापना की। मंदिर प्रशासन का मानना है कि यहां पर बजरंगबली की मूर्ति में साक्षात हनुमान जी विराजमान है।


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ऐसा माना जाता है कि मंदिर में मूर्ति की स्थापना के समय स्वामी गोपालानंद ने भगवान हनुमान जी की मूर्ति से जब अपनी छड़ी को स्पर्श किया तभी मूर्ति में जान आ गई और वह हिलने लगी। इसलिए कष्टभंजन हनुमान मंदिर हमारे देश में स्थित महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।

कष्टभंजन हनुमान मंदिर में मूर्ति का स्वरूप
(Statue of idol in Kashtbhanjan Hanuman temple)


कष्टभंजन हनुमान मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति बहुत ही प्रभावशाली है। यहां पर बजरंगबली एक राजा की तरह सिंहासन पर विराजमान है तथा उनके चारों और वानर सेना का दल उपस्थित है।

प्राचीन मान्यता के अनुसार एक समय ऐसा था जब लोग शनिदेव के प्रकोप के कारण अत्यंत भयभीत थे। तब भक्तों ने हनुमानजी से शनिदेव के प्रकोप से मुक्त कराने हेतु प्रार्थना की। चूंकि शनिदेव जानते थे कि हनुमानजी एक ब्रह्मचारी हैं वह स्त्री पर कभी हाथ नहीं उठाएंगे इसी कारण से शनि देव ने हनुमान जी से बचने के लिए एक स्त्री का रूप धारण कर लिया।

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तब हनुमानजी ने शनिदेव को पहचान लिया और उनके दमन हेतु उन्हें अपने पैरों के नीचे रख लिया। कष्टभंजन हनुमान मंदिर में शनि देव स्त्री के रूप में बजरंगबली के पैरों के नीचे विराजमान हैं। मान्यता है कि बजरंगबली के इसी स्वरूप ने लोगों को शनि के प्रकोप से मुक्त कराया था।

यही कारण है कि कष्टभंजन हनुमान मंदिर में शनि देव के प्रकोप से मुक्ति पाने हेतु की गई पूजा से शनि देव के समस्त दोष जीवन से दूर हो जाते हैं। इसीलिए मंगलवार व शनिवार के दिन यहां पर भक्तों की विशेष भीड़ लगी रहती है।

गुजरात में भावनगर से कुछ दूरी पर स्थित सारंगपुर के कष्टभंजन हनुमान जी का यह मंदिर भव्य व विशाल हैं। कष्टभंजन हनुमान मंदिर में 45 किलो सोना तथा 95 किलो चांदी का उपयोग किया गया है। 


जिसमें सोने के एक सुंदर सिंहासन पर बजरंगबली विराजमान हैं। बजरंगबली के सिर पर हीरे-जवाहरात का एक मुकुट है, तथा उनके पास ही चरणों में एक सोने की गदा भी रखी हुई है।

हनुमान जी के चारों तरफ वानरों की सेना है हनुमान जी का यह रूप बहुत ही आकर्षक व मनमोहक हैं। हनुमान जी इस मूर्ति में मूछों के साथ विराजमान है।

दर्शन और आरती का समय
(Darshan and Aarti timings)


गुजरात में स्थित कष्टभंजन हनुमान मंदिर में सुबह की आरती जिसे मंगला आरती भी कहते हैं का समय सुबह 5:30 का है। इसके साथ ही मंदिर सभी भक्तों के लिए खुला रहता है। दोपहर में महाबली हनुमान जी का भोग लगाने के पश्चात 12:00 से 3:15 तक मंदिर के कपाट बंद रहते हैं।

शनिवार और मंगलवार को यहां पर भक्तों का ताता लगा रहता है  शाम के समय की आरती लगभग 7:00 बजे के आसपास हो जाती है।

आशा करती हूं कष्टभंजन हनुमान मंदिर सारंगपुर (गुजरात) के विस्तार पूर्वक जानकारी आपको हमारी पसंद आई होगी अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।

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