नमस्कार,
दोस्तों समय कभी भी एक सा नहीं होता है। यह कभी अच्छा तो कभी बुरा हुआ करता है। यदि आप का आज का समय बहुत अच्छा है तो यह आवश्यक नहीं है कि हमारा आने वाला समय भी अच्छा व खुशियों से भरा हुआ हो ?
और यदि आपका आज का समय बुरा है तो भी उदास मत होइए हो सकता है आप अपनी मेहनत व परिश्रम के बल पर अपना आने वाले समय को बहुत अच्छा बना ले।
परंतु दोस्तों जब व्यक्ति का समय बुरा चल रहा होता है तब उसके धैर्य की कमी आ जाती है। वह सोचने लगता है कि उसका यह बुरा समय कब निकलेगा ? दोस्तों कुछ लोग तो अपने बुरे समय के कारण अपने आपको अपने परिवार के लिए बोझ समझकर या नकारात्मक विचारों से ग्रस्त होकर आत्महत्या करने तक का प्रयास कर डालते हैं।
दोस्तों सभी के जीवन में कभी ना कभी एक बार ऐसा समय जरूर आता है जो उसके लिए निकालना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में लोग खुद को बोझ मानने लगते हैं। तो दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि क्या करें जब खुद का जीवन बोझ लगने लगे भगवत गीता के अनुसार पर।
भगवत गीता के अनुसार हर इंसान को ईश्वर ने एक अलग विशेषता देखकर बनाया है। इतनी बड़ी दुनिया में जब लोगों के फिंगरप्रिंट तक एक जैसे नहीं है तो आप ही सोचिए दो लोगों के विचार, शरीर, बुद्धि कैसे एक हो सकते हैं ?
यहां पर ईश्वर ने सभी को विशेष बनाया है। उदाहरण के लिए कोई लंबा है, तो कोई गोरा। हमें भगवान ने जितना लंबा बनाया है हम उतने ही लंबे रहेंगे। यदि हम सोचे कि मेरी लंबाई भी सामने वाले की जितनी हो जाए तो यह नामुमकिन है।
इसलिए हमें ईश्वर ने जिस प्रकार बनाया है जिसमें हमारे द्वारा कोई बदलाव करना संभव नहीं है। उन चीजों को हमें जैसे का वैसा स्वीकार कर लेना चाहिए।
इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता है। सभी में कुछ विशेषताएं हैं तो कुछ कमियां भी हैं। इसलिए हमें अपनी विशेषताओं को स्वीकार करते हुए अपनी कमियों को भी स्वीकार करना चाहिए। और जिन कमियां में हम सुधार ला सकते हैं उन पर कार्य कर उनमें सुधार लाना चाहिए।
दोस्तों जब जिंदगी बोझ लगने लगे तो याद रखना हम अपनी सभी कमियों को पूरा नहीं कर सकते हैं पर इन कमियों के साथ भी हम सफलता की राह पर चल सकते हैं।
श्रीमद भगवत गीता के 13 वे अध्याय 16 वे श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं हम सभी के अंदर ईश्वर विराजमान हैं। वह जड़ और चेतन दोनों में है। तो इस प्रकार जब हमारे अंदर स्वयं ईश्वर विराजमान है, जब हमें स्वयं ईश्वर ने बनाया है तो फिर हम बोझ कैसे हो सकते हैं ?
दोस्तों आशा करती हूं आपको हमारा आज का लेख क्या करें जब खुद का जीवन बोझ लगने लगे भगवत गीता के अनुसार पर हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी। हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
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