नमस्कार,
दोस्तों वास्तुशास्त्र में हमारे घर में सुख-शांति लाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। वास्तुशास्त्र में कुछ बातों का निषेध भी किया गया है जो हमारे घर में हमें नहीं करना चाहिए। किंतु आधुनिकता के कारण हमारी जीवन शैली में ऐसे बहुत से बदलाव आए हैं जिनके चलते हमारी अपनी संस्कृति पीछे छूटते जा रही है। जिसका असर हमारी दैनिक दिनचर्या पर हो रहा है।
हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म हैं जहाँ पर हर एक कार्य करने के नियमो के पीछे कुछ कारण होते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाये तो भी हिन्दू धर्म विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरता है।
हमारे हिंदू धर्म में जहां पर पहले लोग जमीन पर बैठकर आसन लगाकर भोजन किया करते थे। वहीं अब उन्होंने अपने बिस्तर पर बैठकर ही भोजन करना आरंभ कर दिया है। हमारे सनातन हिंदू धर्म में भोजन करने को लेकर कुछ नियमों के बारे में (hindu dharm me bhojan karne k niyam) बताया गया है।
आइए जानते हैं हमारे हिंदू धर्म के अनुसार बिस्तर पर बैठ कर खाना खाना कितना गलत बताया गया है।
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प्राचीन धर्म ग्रन्थों के अनुसार भोजन करने के जिन नियमों के बारे में बताया गया है देखा जाए तो यह केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही साबित होते हैं। पुराने धर्म ग्रंथों की माने तो जमीन पर बैठकर भोजन करने से हमारे शरीर की ऊर्जा व पृथ्वी की ऊर्जा दोनों का मिलन होता है जो कि हमें जीवन में सुख संपन्नता व समृद्धि प्रदान करता है।
तो चलिए देखते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन-कौन से नियम है जिनका हमें भोजन की दृष्टि से पालन करना चाहिए।
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क्या बिस्तर पर बैठकर भोजन करना चाहिए ?
दोस्तों यदि वास्तु शास्त्र की माने तो हमें कभी भी बिस्तर पर बैठ कर भोजन नहीं करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से हमारे हमारा राहु ग्रह खराब होता है।
इसका एक और वैज्ञानिक कारण यह है कि जब हम बिस्तर पर बैठ कर खाना खाते हैं तो हमारे शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती हैं। क्योंकि बिस्तर रूई का बना होता है इसलिए जब हम खाना खाते हैं तो हमारे शरीर के लिवर की गर्मी निकलती है।
हमारे हिंदू धर्म में जहां पर पहले लोग जमीन पर बैठकर आसन लगाकर भोजन किया करते थे। वहीं अब उन्होंने अपने बिस्तर पर बैठकर ही भोजन करना आरंभ कर दिया है। हमारे सनातन हिंदू धर्म में भोजन करने को लेकर कुछ नियमों के बारे में (hindu dharm me bhojan karne k niyam) बताया गया है।
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भोजन के नियम |
आइए जानते हैं हमारे हिंदू धर्म के अनुसार बिस्तर पर बैठ कर खाना खाना कितना गलत बताया गया है।
( औऱ पढ़े :- गायत्री चालीसा व गायत्री मंत्र के चमत्कार)
प्राचीन धर्म ग्रन्थों के अनुसार भोजन करने के जिन नियमों के बारे में बताया गया है देखा जाए तो यह केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही साबित होते हैं। पुराने धर्म ग्रंथों की माने तो जमीन पर बैठकर भोजन करने से हमारे शरीर की ऊर्जा व पृथ्वी की ऊर्जा दोनों का मिलन होता है जो कि हमें जीवन में सुख संपन्नता व समृद्धि प्रदान करता है।
तो चलिए देखते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन-कौन से नियम है जिनका हमें भोजन की दृष्टि से पालन करना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन को बृहस्पति ग्रह का प्रतीक माना गया है प्राचीन काल में राजा-महाराजाओं के भोजन कक्ष भी वास्तुशास्त्र को ध्यान में रखकर बनाया जाते थे।
- इसके साथ ही भोजन कक्ष को कभी भी शौचालय के सामने नहीं बनाना चाहिए। यहां तक कि शौचालय व भोजन कक्ष की दीवार कभी भी एक नहीं होना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के आधार पर पूर्व व उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना सर्वोत्तम माना जाता है। पुराणों में इसे भोजन करने के लिए सर्वोत्तम दिशा कहा गया है। ऐसा करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य सही रहता है तथा उस पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
- दक्षिण दिशा की ओर मुख कर भोजन करने से मान-सम्मान व पितरों की कृपा की प्राप्ति होती है।
- वास्तु शास्त्र के हिसाब से कुर्सी पर बैठकर पर हिलाते हुए भोजन करना भी अशुभ माना गया है।
- जिन लोगों को पैसों की तंगी होती है उन्हें पश्चिम दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए।
- आपको कभी भी छोटे, टूटे व गंदे बर्तनों में भोजन नहीं करना चाहिए। इस प्रकार के बर्तनों में भोजन करने पर घर में दरिद्रता का वास होने लगता है। इसके लिए जितना जल्दी हो सके इस प्रकार के बर्तनों को अपनी रसोई घर से दूर कर देना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार थाली में हाथ धोना भी निषेध माना गया है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार थाली में भोजन छोड़ना भी माता अन्नपूर्णा का अपमान माना जाता है।
क्या बिस्तर पर बैठकर भोजन करना चाहिए ?
(Ky bister pr baithakar bhojan karna chahiye in hindi)?
दोस्तों यदि वास्तु शास्त्र की माने तो हमें कभी भी बिस्तर पर बैठ कर भोजन नहीं करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से हमारे हमारा राहु ग्रह खराब होता है।
इसका एक और वैज्ञानिक कारण यह है कि जब हम बिस्तर पर बैठ कर खाना खाते हैं तो हमारे शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती हैं। क्योंकि बिस्तर रूई का बना होता है इसलिए जब हम खाना खाते हैं तो हमारे शरीर के लिवर की गर्मी निकलती है।
(और पढ़े :- हनुमान बाहुक की संपूर्ण जानकारी)
किंतु जब हम बिस्तर पर बैठ कर खाना खाते है तो यह गर्मी हमारे शरीर में ही रुक जाती है। जिससे हमारे लीवर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती हैं। इसके अलावा जमीन पर बैठकर खाना खाने से हमारे शरीर का तापमान सही बना रहता है।
आशा करती हूं हिंदू धर्म के अनुसार भोजन करते के नियम पर (hindu dharm k anusar bhojan karne k niyam in hindi) आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
किंतु जब हम बिस्तर पर बैठ कर खाना खाते है तो यह गर्मी हमारे शरीर में ही रुक जाती है। जिससे हमारे लीवर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती हैं। इसके अलावा जमीन पर बैठकर खाना खाने से हमारे शरीर का तापमान सही बना रहता है।
आशा करती हूं हिंदू धर्म के अनुसार भोजन करते के नियम पर (hindu dharm k anusar bhojan karne k niyam in hindi) आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
FAQS
1.) बिस्तर पर बैठकर भोजन क्यो नहीं करना चाहिए ?
- वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से व्यक्ति का राहु ग्रह खराब होता हैं।
2.) भोजन किस दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए ?
- वास्तु शास्त्र के आधार पर पूर्व व उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना सर्वोत्तम माना जाता है।
3.) क्या कुर्सी पर बैठकर भोजन करना उचित है ?
- वास्तु शास्त्र के अनुसार कुर्सी पर बैठकर भोजन करना अनुचित माना गया है।
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