सनातन धर्म के बड़े धर्मगुरु व जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के जीवन (जीवनी) की संक्षिप्त व्याख्या (dharmguru swami shankarachary swaroopanand sarswati I jeevni in hindi)

 नमस्कार,

            दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करेंगे हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के बारे में।

यह एक ऐसे धर्मगुरु हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से पहले का देश व आजादी के बाद का देश दोनों को अपने जीवन में अच्छे से जिया है व खुलकर अपनी राय को व्यक्त किया है।


स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज का जन्म मध्य प्रदेश राज्य के सिवनी जिले के जबलपुर के पास दिघोरी गांव में 2 सितंबर 1924 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी



स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल की यात्रा भी कर चुके हैं। आइए अब जानते हैं स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की जीवनी के बारे में।





जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के जीवनी(shankarachary swami swroopanand sarswati ji Maharaj ki jeevni)


स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज का जन्म मध्य प्रदेश राज्य के सिवनी जिले के जबलपुर के पास दिघोरी गांव में 2 सितंबर 1924 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

इनके माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था। इनकी माता का नाम श्रीमती गिरिजा देवी व पिता का नाम धनपति उपाध्याय था।

सिर्फ 9 साल की उम्र में स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी ने अपना घर छोड़कर धर्म की यात्रा करना शुरू कर दिया था।

अपनी यात्रा के दौरान वे काशी पहुंचे। जहां पर उन्होंने ब्रह्मलीन स्वामी करपात्री जी महाराज वेद-वेदांग से शास्त्रों की शिक्षा ली।




आजादी की लड़ाई के चलते स्वामी धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज को वाराणसी जेल  में 9 महीनेमध्य प्रदेश की जेल में 6 महीनों की सजा भी काटनी पड़ी थी।

स्वामी धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज 1950 में एक दंडी सन्यासी के रूप में लोगों के सामने आए और उसके 31 साल बाद 1981 में स्वामी जी को शंकराचार्य की उपाधि प्रदान की गई। स्वामी जी द्वारका पीठ व ज्योतिर्मठ के शंकरचार्य थे।

धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज 10 सितंबर 2022 को 99 साल की उम्र में शनिवार को मध्यप्रदेश नरसिंहपुर जिले में अपनी अंतिम सांसे लेकर मृत्यु को प्राप्त हो गए।

अब ज्योतिर मठ के नए शंकराचार्य अविमुक्तरानंद सरस्वती होंगे जबकि शारदा पीठ के नए शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी होंगे।




भारत की सबसे बड़े धर्म गुरु व जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की जीवनी पर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी। हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद।

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