ब्रह्मा जी के दिव्य अस्त्र ब्रह्मस्त्र से जुडी संपूर्ण जानकारी (bramha ji ke divya astra brahmastra se Judi jankari in hindi)

 नमस्कार,


           दोस्तों हमारे हिंदू धर्म के इतिहास में कई अस्त्रों तथा शस्त्रों का वर्णन देखने को मिलता है जैसे त्रिशूल, सुदर्शन चक्र, पशुपतास्त्र व नारायण अस्त्र आदि।

हमारे धर्म ग्रंथ में ऐसे कई अस्त्र-शस्त्र बताए गए हैं जिनका प्रयोग करने पर वे अपने लक्ष्य को भेदकर ही वापस आते हैं। जिनका बिना सोचे- समझे प्रयोग करने पर पूरी पृथ्वी या ब्रह्मांड का विनाश भी संभव है।




तो दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करेंगे ऐसे ही एक महत्वपूर्ण शस्त्र के बारे में जिसका वर्णन धर्म ग्रंथों में बार-बार देखने को मिलते हैं। जी हां दोस्तों अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मैं यहां बात कर रही हूं ब्रह्मास्त्र के बारे में।


ब्रह्मास्त्र से जुड़ी कुछ बातें जैसे ब्रह्मास्त्र किन-किन योद्धाओं के पास स्थित था ब्रह्मास्त्र  के प्रयोग का परिणाम क्या होता है ब्रह्मास्त्र को किस प्रकार नष्ट किया जाता है
Brahmastra



आज के इस लेख में हम ब्रह्मास्त्र से जुड़ी कुछ बातें जैसे ब्रह्मास्त्र किन-किन योद्धाओं के पास स्थित था। ब्रह्मास्त्र  के प्रयोग का परिणाम क्या होता है? ब्रह्मास्त्र को किस प्रकार नष्ट किया जाता है आदि के बारे में बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं महारा आज का लेख।

ब्रह्मास्त्र की उत्पत्ति कैसे हुई
(Brahmastra ki utpatti kese hui)


अक्सर हमारे दिमाग में यह प्रश्न उठता है कि आखिर ब्रह्मास्त्र की रचना किसने की है? वेद और पुराणों के अनुसार जगतपिता ब्रह्मा जी ने दैत्यों के नाश लिए ब्रह्मास्त्र की उत्पत्ति की थी।




ब्रह्मास्त्र का अर्थ होता है ब्रह्मा अर्थात ईश्वर का अस्त्र। शुरुआत में यह केवल देवी-देवताओं के ही पास होता था। देवताओं ने सर्वप्रथम गंधर्वो को इस अस्त्र का ज्ञान प्रदान किया था और फिर धीरे-धीरे यह ज्ञान इंसानों को भी प्राप्त हो गया।

क्या कभी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग हुआ था 
(kya kabhi Brahmastra ka prayog hua tha)


रामायण काल में लक्ष्मण जी ने भी मेघनाथ से युद्ध करने हेतु ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना चाह था। तब भगवान राम ने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि अभी इसका प्रयोग करने का सही समय नहीं है।

महाभारत  के समय में अर्जुन व अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया था। किंतु श्री कृष्ण के कहने पर अर्जुन ने ब्रह्मास्त्र को वापस ले लिया।




वापस लेने की विद्या के अभाव में अश्वत्थामा ने उत्तरा के गर्भ में पल रहे शिशु की ओर ब्रह्मास्त्र का उपयोग किया था। जिससे उसके पुत्र की गर्भ में मृत्यु हो गई थीं। किन्तु श्री कृष्ण ने उसे पुनः जीवित कर दिया था।

किन-किन योद्धाओं के पास था ब्रह्मास्त्र 
(kin kin yodhao ke pass tha Brahmastra)


आइए जानते हैं कि आखिर किन-किन योद्धाओं को ब्रह्मास्त्र प्राप्त था। रामायण और महाभारत काल के कुछ योद्धाओं को ब्रह्मास्त्र प्राप्त था।

जिनमें रावण, लक्ष्मण, भगवान श्री राम, मेघनाथ, परशुराम जी, द्रोणाचार्य जी ,युधिष्ठिर, कर्ण, अश्वत्थामा अर्जुन, श्री कृष्ण, व प्रदुम्य के पास ब्रह्मास्त्र था ।

अर्जुन ने इसे द्रोणाचार्य से प्राप्त किया था। जबकि द्रोणाचार्य को ब्रह्मास्त्र की प्राप्ति ऋषि जमदग्नि से हुई थी। तथा कर्ण को ब्रह्मास्त्र की प्राप्ति भगवान परशुराम जी से हुई थी।

ब्रह्मास्त्र के परिणाम क्या थे 
(Brahmastra ke parinam ky the)


ब्रह्मास्त्र कई प्रकार के होते थे छोटे-बड़े आदि। जिसके कारण इनका प्रभाव भी अलग-अलग होता था। माना जाता है कि दो ब्रह्मास्त्र के आपस में टकराने से प्रलय की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। इसके प्रयोग से समस्त पृथ्वी के समाप्त होने का भय भी बना रहता था।




महाभारत ग्रंथ में ब्रह्मास्त्र के परिणामों के बारे में विस्तृत से बताया गया है। महर्षि वेदव्यास जी लिखते हैं कि जहां पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया जाता है उस क्षेत्र में 12 वर्षों तक पेड़-पौधे, जीव-जंतु आदि की उत्पत्ति नहीं होती है।

ब्रह्मास्त्र को नष्ट कैसे किया जाता था 
(Brahmastra ko nasht kese kiya jata tha)


आइए अब जानते हैं कि इतने प्रभावशाली अस्त्र ब्रह्मास्त्र की काट क्या थी? या इसे कैसे नष्ट किया जा सकता था?

कहते हैं कि ब्रह्मास्त्र को सिर्फ ब्रह्मास्त्र के द्वारा ही रोका जा सकता था या फिर इसे वापस लेकर इसके परिणाम से बचा जा सकता था।

दोस्तों कैसी लगी आपको ब्रह्मास्त्र के प्रयोग, परिणाम ब्रह्मास्त्र से जुड़े योद्धाओं आदि पर हमारी यह जानकारी हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ