नमस्कार,
दोस्तों आज हम बात करेंगे हिंदू धर्म के महान ग्रंथ रामायण के बारे में। रामायण की कथा तो आप सभी लोग अच्छे से जानते हैं कि राम जी का जन्म अयोध्या में हुआ था। इनका विवाह सीता जी से हुआ था। हनुमान जी ने लंका का दहन किया आदि।
आज हम इस लेख के माध्यम से रामायण से जुड़े 7 सबक के बारे में जानेंगे जो हमें हमारे हिंदू धर्म के महान ग्रंथ रामायण से जरूर सीखना चाहिए। इस ग्रंथ के अंदर कुछ ऐसी बातें छुपी हुई है यदि आप इन को अपने जीवन में उतार लेते हैं तो आपका जीवन सफल माना जाएगा।
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तो चलिए शुरू करते 7 ऐसे सबक रामायण के अनुसार जो आपको अपने जीवन को सफल बनाने में मदद करेंगे।
1). अपने वचन का पक्का होना
रामायण का सबसे प्रचलित दोहा है "रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई"। रामायण के अंतर्गत सबसे अच्छी बात यह है कि रामायण में सभी लोग अपने वचन के पक्के हैं। हमें भी अपने वचन का पक्का होना चाहिए।
यदि आप कुछ कहते हैं तो आपको उसे करना भी चाहिए। अर्थात "जैसी कथनी वैसी करनी"। आपके कहने और करने में अंतर नहीं होना चाहिए। रामायण में तो यहां तक कहा गया है कि "प्राण जाए पर वचन न जाई"। अर्थात यदि आपको आपके प्राण देकर भी अपने वचन का पालन करना पड़े तो जरूर करें।
2). अपने सलाहकारों को ध्यान से चुने
रामायण से जो दूसरी चीज हमें सीखना चाहिए वह है अपने सलाहकारों को बहुत ही ध्यान से चुनना। रानी केकई ने अपनी दासी मंथरा के कहने पर ही श्री राम जी को 14 वर्ष का वनवास दिया था। इसीलिए आपको अपने सलाहकारों को बहुत ही सोच समझकर चुनना चाहिए।
(और पढ़े :- संत सिंगाजी महाराज से जुड़ी जानकारी)
जिंदगी में आप कितने सफल होंगे यह आप पर और आप किन लोगों से सलाह लेते हैं किन लोगों के साथ उठते-बैठते हैं इस पर निर्भर करता हैं। इसलिए अपने सलाहकारों को बहुत ही ध्यानपूर्वक चुने।
3). इंसान दौलत से ज्यादा महत्वपूर्ण है
तीसरा सबक जो रामायण हमें सिखाती है वह यह है कि रिश्ते व व्यक्ति पैसों व संपत्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। जब राम जी को 14 वर्ष का वनवास दिया गया तब सीता जी कहती हैं कि वह भी उनके साथ वन में चलेगी तथा लक्ष्मण जी राम जी के साथ चलने के लिए तैयार हो गए।
राम जी को वनवास मिलते ही उनका राज-पाट, धन- दौलत सब चला गया पर उनके पास उनके लोग व रिश्ते बचे हुए थे जो कि उनके लिए अपना भी सब कुछ छोड़ने को तैयार थे। इसलिए हमें भी अपनी जिंदगी में इंसान को दौलत व पैसों से ज्यादा इंसान को महत्व देना चाहिए।
4). सही गुरु या शिक्षक का जीवन में होना
हम सभी लोगों में कुछ ना कुछ करने की अद्भुत क्षमताएं हैं। जिसे स्कूल में हमारे शिक्षक, कॉलेज में हमारे प्रोफेसर आदि लोगों ने हमें पहचान कर हमें कुछ करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इसी प्रकार जीवन के हर पड़ाव पर हमें शिक्षक या गुरु की आवश्यकता होती है जो हमें हमारी प्रतिभा को याद दिला कर उसे निकालने में हमारी मदद करें।
(और पढ़ें :- हनुमान जी का अतिप्रिय पाठ सुंदरकांड की महिमा, लाभ व फायदे, पढ़ने की विधि)
हनुमान जी में बहुत सारी ताकत व शक्तियां थी। परंतु एक ऋषि के शाप के चलते हुए वह अपने पराक्रम को भूल चुके थे। तब सीताजी की खोज करते समय जामवंत जी ने हनुमान जी को अपनी शक्तियों के बारे में याद दिलाया था। इसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में सही शिक्षक या गुरु का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए।
5). नेतृत्व करने की क्षमता
(Ability to lead)
यदि आपकी सेना का सेनापति अच्छा है तो आप किसी भी लड़ाई को जीत सकते हैं। रावण के पास राक्षसों की बहुत बड़ी सेना थी किंतु राम जी के पास एक बंदरों की सेना थी। राम जी के सही नेतृत्व के कारण ही राम जी की सेना राम-रावण युद्ध में विजय को प्राप्त हुई।
6). लालच और बदले की भावना न रखना
रामायण की सबसे महत्वपूर्ण सीख यह है कि यदि आपने लालच व बदले की भावना है तो इसका परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। रावण बहुत ही बड़ा पंडित व ज्ञानी था।
(और पढ़े :- धूनीवाले दादाजी व छोटे दादाजी खंडवा वाले की विस्तृत जानकारी)
किंतु अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने की भावना के कारण रावण ने राम जी की पत्नी का अपहरण कर लिया। जिसके कारण रावण की पूरी ख्याति व प्रसिद्ध धूल में मिल गई। इसलिए किसी भी व्यक्ति को लालच व बदले की भावना को अपने अंदर नहीं चाहिए।
7). सही व गलत का चुनाव करना
रामायण का सातवा व अंतिम सबसे महत्वपूर्ण सबक सही और गलत के बीच चुनाव करना सिखाता है। उदाहरण के लिए वनवास राम जी को हुआ था सीता जी को नहीं। किंतु सीता जी ने सही का चुनाव करते हुए राम जी के साथ वनवास जाना उचित समझा।
( औऱ पढ़े :- गायत्री चालीसा व गायत्री मंत्र के चमत्कार)
इसी प्रकार विभीषण ने भी सही का चुनाव करके राम जी का साथ दिया। इसी प्रकार हर इंसान को सही व गलत ही विस चुनाव करते आना चाहिए और सही का चुनाव करने की कोशिश करना चाहिए।
आशा करती हूं रामायण से जुड़े 7 सबक जो आपकी जिंदगी बदल दे (7 lessons related to Ramayana that will change your life in hindi) पर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी। हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
तो चलिए शुरू करते 7 ऐसे सबक रामायण के अनुसार जो आपको अपने जीवन को सफल बनाने में मदद करेंगे।
1). अपने वचन का पक्का होना
(keep one's word)
रामायण का सबसे प्रचलित दोहा है "रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई"। रामायण के अंतर्गत सबसे अच्छी बात यह है कि रामायण में सभी लोग अपने वचन के पक्के हैं। हमें भी अपने वचन का पक्का होना चाहिए।
यदि आप कुछ कहते हैं तो आपको उसे करना भी चाहिए। अर्थात "जैसी कथनी वैसी करनी"। आपके कहने और करने में अंतर नहीं होना चाहिए। रामायण में तो यहां तक कहा गया है कि "प्राण जाए पर वचन न जाई"। अर्थात यदि आपको आपके प्राण देकर भी अपने वचन का पालन करना पड़े तो जरूर करें।
2). अपने सलाहकारों को ध्यान से चुने
(Choose your advisors carefully)
रामायण से जो दूसरी चीज हमें सीखना चाहिए वह है अपने सलाहकारों को बहुत ही ध्यान से चुनना। रानी केकई ने अपनी दासी मंथरा के कहने पर ही श्री राम जी को 14 वर्ष का वनवास दिया था। इसीलिए आपको अपने सलाहकारों को बहुत ही सोच समझकर चुनना चाहिए।
(और पढ़े :- संत सिंगाजी महाराज से जुड़ी जानकारी)
जिंदगी में आप कितने सफल होंगे यह आप पर और आप किन लोगों से सलाह लेते हैं किन लोगों के साथ उठते-बैठते हैं इस पर निर्भर करता हैं। इसलिए अपने सलाहकारों को बहुत ही ध्यानपूर्वक चुने।
3). इंसान दौलत से ज्यादा महत्वपूर्ण है
(Relations are more important than money)
तीसरा सबक जो रामायण हमें सिखाती है वह यह है कि रिश्ते व व्यक्ति पैसों व संपत्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। जब राम जी को 14 वर्ष का वनवास दिया गया तब सीता जी कहती हैं कि वह भी उनके साथ वन में चलेगी तथा लक्ष्मण जी राम जी के साथ चलने के लिए तैयार हो गए।
राम जी को वनवास मिलते ही उनका राज-पाट, धन- दौलत सब चला गया पर उनके पास उनके लोग व रिश्ते बचे हुए थे जो कि उनके लिए अपना भी सब कुछ छोड़ने को तैयार थे। इसलिए हमें भी अपनी जिंदगी में इंसान को दौलत व पैसों से ज्यादा इंसान को महत्व देना चाहिए।
4). सही गुरु या शिक्षक का जीवन में होना
(A right mentor is very important)
हम सभी लोगों में कुछ ना कुछ करने की अद्भुत क्षमताएं हैं। जिसे स्कूल में हमारे शिक्षक, कॉलेज में हमारे प्रोफेसर आदि लोगों ने हमें पहचान कर हमें कुछ करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इसी प्रकार जीवन के हर पड़ाव पर हमें शिक्षक या गुरु की आवश्यकता होती है जो हमें हमारी प्रतिभा को याद दिला कर उसे निकालने में हमारी मदद करें।
(और पढ़ें :- हनुमान जी का अतिप्रिय पाठ सुंदरकांड की महिमा, लाभ व फायदे, पढ़ने की विधि)
हनुमान जी में बहुत सारी ताकत व शक्तियां थी। परंतु एक ऋषि के शाप के चलते हुए वह अपने पराक्रम को भूल चुके थे। तब सीताजी की खोज करते समय जामवंत जी ने हनुमान जी को अपनी शक्तियों के बारे में याद दिलाया था। इसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में सही शिक्षक या गुरु का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए।
5). नेतृत्व करने की क्षमता
(Ability to lead)
यदि आपकी सेना का सेनापति अच्छा है तो आप किसी भी लड़ाई को जीत सकते हैं। रावण के पास राक्षसों की बहुत बड़ी सेना थी किंतु राम जी के पास एक बंदरों की सेना थी। राम जी के सही नेतृत्व के कारण ही राम जी की सेना राम-रावण युद्ध में विजय को प्राप्त हुई।
6). लालच और बदले की भावना न रखना
(No greed and vengeance)
रामायण की सबसे महत्वपूर्ण सीख यह है कि यदि आपने लालच व बदले की भावना है तो इसका परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। रावण बहुत ही बड़ा पंडित व ज्ञानी था।
(और पढ़े :- धूनीवाले दादाजी व छोटे दादाजी खंडवा वाले की विस्तृत जानकारी)
किंतु अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने की भावना के कारण रावण ने राम जी की पत्नी का अपहरण कर लिया। जिसके कारण रावण की पूरी ख्याति व प्रसिद्ध धूल में मिल गई। इसलिए किसी भी व्यक्ति को लालच व बदले की भावना को अपने अंदर नहीं चाहिए।
7). सही व गलत का चुनाव करना
(Differentiate between right right and wrong)
रामायण का सातवा व अंतिम सबसे महत्वपूर्ण सबक सही और गलत के बीच चुनाव करना सिखाता है। उदाहरण के लिए वनवास राम जी को हुआ था सीता जी को नहीं। किंतु सीता जी ने सही का चुनाव करते हुए राम जी के साथ वनवास जाना उचित समझा।
( औऱ पढ़े :- गायत्री चालीसा व गायत्री मंत्र के चमत्कार)
इसी प्रकार विभीषण ने भी सही का चुनाव करके राम जी का साथ दिया। इसी प्रकार हर इंसान को सही व गलत ही विस चुनाव करते आना चाहिए और सही का चुनाव करने की कोशिश करना चाहिए।
आशा करती हूं रामायण से जुड़े 7 सबक जो आपकी जिंदगी बदल दे (7 lessons related to Ramayana that will change your life in hindi) पर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी। हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
FAQS
1.) रामायण की रचना किसने की ?
- रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि जी ने की थी।
2.) रामायण में कितने अध्याय हैं ?
- रामायण में 8 अध्याय हैं।
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