हनुमान बाहुक की संपूर्ण जानकारी, लेखक, फायदे व पूजन विधि(hanuman bahuk ki sampurn jankari,fayde in hindi)

नमस्कार, 

         दोस्तों आज हम एक ऐसे पाठ के बारे में चर्चा करेंगे जिसे करने से व्यक्ति रोगों से मुक्ति पाकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है।


दोस्तों आपने हनुमान जी के विभिन्न पाठ जैसे हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान अष्टक आदि के विषय में तो सुना ही होगा। परंतु हम यहां पर हनुमान जी के एक विशेष पाठ जिसे मुख्य रूप से रोग निवारक पाठ कहा गया है के बारे में बात करेंगे।

जी हां दोस्तों में बात कर रही हूं हनुमान बाहुक के पाठ के बारे में। तो चलिए जानते हैं और भी बहुत कुछ हनुमान बाहुक पाठ के विषय में।

हनुमान बाहुक के पाठ की रचना किसने की?
(Hanuman bahuk ki rachna kisne ki)?


दोस्तों हनुमान बाहुक पाठ की रचना रामचरितमानस के रचयिता महाराज श्री संत गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है।

हनुमान बाहुक पाठ की रचना क्यों की गई?
(Hanuman Bahuk path ki rachna kyo ki gayi ) ?


एक बार रामचरितमानस के रचयिता संत श्री गोस्वामी तुलसीदास जी के शरीर में वात रोग के कारण बहुत पीड़ा होने लगी। उनका शरीर उस असहनीय कष्ट को सहन नहीं कर पा रहा था तब उन्होंने अपने रोगों के निवारण हेतु हनुमान बाहुक पाठ की रचना की थी।

हनुमान बाहुक में कितने छंदपद हैं?
( Hanuman Bahuk me kitne chandpad h) ?


हनुमान बाहुक 44  छंदबद्ध पदों की संत गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई रचना है।

हनुमान बाहुक में क्या है?
(What is in Hanuman Bahuk)?


तुलसीदास जी को जब वात रोग हुआ तब उन्होंने अनेक औषधि,तंत्र,मंत्र आदि सब किया परंतु फिर भी उनकी पीड़ा बढ़ती ही जा रही थी। शारीरिक पीड़ा के समाप्त न होने पर उन्हें मानसिक पीड़ा भी होने लगी। तब तुलसीदास जी ने हनुमान जी से कहा कि आप मेरी पीड़ा का निवारण नहीं कर रहे हैं जिससे मुझे और अधिक पीड़ा हो रही है।

तुलसीदास जी ने हनुमान बाहुक में हनुमान जी के गुणों का गुणगान किया है वही कुछ पदों में उन्होंने हनुमान जी को अपनी शक्ति याद दिलाई है, तथा कुछ पदों में अपनी शारीरिक व मानसिक पीड़ा के कारण हनुमानजी को ताने भी दिए हैं। 

(और पढ़े :- हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे)

इस प्रकार तुलसीदास जी ने हनुमान बाहुक में हनुमान जी को ताने देने के साथ-साथ उनके गुणों व शक्तियों का वर्णन कर हनुमान जी श्री राम जी से अपने शारीरिक व मानसिक कष्टों को दूर करने हेतु प्रार्थना की है।

किन लोगों को हनुमान का पाठ करना चाहिए ?

(Kin logo ko Hanuman Bahuk ka path karna chachiye in hindi)

या

हनुमान बाहुक के फायदे

(Hanuman Bahuk Ke Fayde in hindi)



ऐसे लोग जिन्हें असहनीय शारीरिक कष्ट है या वे लोग जो वात रोग जैसे गठिया, सिर दर्द या शरीर में किसी भी प्रकार की पीड़ा रहने पर आप हनुमान बाहुक का पाठ कर सकते हैं। अर्थात जो लोग किसी भी प्रकार की बीमारी शारिरिक कष्ट, मानसिक कष्ट से पीड़ित हैं वे लोग हनुमान बाहुक का पाठ कर सकते हैं।

हनुमान बाहुक की पूजा विधि

(Hanuman Bahuk ki pooja vidhi in hindi)


हनुमान बाहुक का पाठ करने के लिए आपको ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक कार्य से निवृत्त होकर, स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लेना है। उसके बाद आसन लगाकर व सामने हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को रख कर अपनी मनोकामना बोलते हुए संकल्प लेना है। 


प्रसाद में आप गुड़ व चना, फल, मेंवे बेसन या मोतीचूर के लड्डू रख सकते हैं। यह पाठ आपको लगातार 41 दिनों तक करना है।  याद रहे  हनुमान बाहुक के पाठ के दौरान आपको ब्रम्हचर्य का पालन करना है और मांस मदिरा का सेवन नहीं करना हैं।

आशा करती हूं आप को हनुमान बाहुक की संपूर्ण जानकारी, लेखक, फायदे व पूजन विधि (hanuman bahuk ki sampurn jankari,fayde in hindi) पर हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी। इसी विश्वास के साथ कि हनुमान जी आप सभी के रोगों को दूर कर आपको स्वस्थ रखे । भगवान से जुड़ी अन्य कुछ जानकारियों के लिए हमारे साथ हमारे अगले लेख में बने रहे।

धन्यवाद।

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