सूर्य देव के 52 नाम आदित्य ह्रदय स्त्रोत के अनुसार (surya dev k 52 naam adityhriday stotra k anusar in hindi)

 नमस्कार,


दोस्तों आपने सूर्य नमस्कार के अंतर्गत या अन्य किसी माध्यम से सूर्य देव के विभिन्न नाम जैसे भास्कर, आदित्य, भानु आदि नामों के बारे में तो जरूर सुना होगा। आज हम आपको इस लेख के अंतर्गत सूर्य देव के अन्य नाम जो कि वाल्मीकि रामायण के अंतर्गत दिए गए आदित्यह्रदय स्त्रोत में अगस्त ऋषि ने श्री राम जी को बताए थे उनके बारे में बताने जा रही हूं।



तो चलिए शुरू करते हैं आदित्यह्रदय स्त्रोत के अनुसार सूर्य देव के अन्य नाम उनके अर्थ के सहित।

  • भास्कर (प्रकाश का विस्तार करने वाले)
  • भुवनेश्वर (संसार के स्वामी)
  • देवासुरनमस्कृत (सुर और असुर द्वारा नमस्कार किए जाने वाले)
  • समुद्यन (प्रतिदिन उदय होने वाले)
  • रश्मिमान (अनगिनत किरणों से शोभायमान)
  • विवस्वान
  • आदित्य (अदिति के पुत्र)
  • सविता (संसार को पैदा करने वाले)
  • सूर्य (सब जगह व्याप्त)



  • खग (नभ भ्रमण करने वाले)
  • पूषा (पुष्टता प्रदान करने वाले)
  • गभस्मतिमान (ज्योतिमान)
  • सोने के समान
  • भानु (प्रकाश करने वाले)
  • हिरण्येता (ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बीज)
  • दिवाकर (रात का अंधकार नष्ट करके दिन का प्रकाश फैलाने वाले)
  • हरिदश्व (दिशाओ में व्याप्त अथवा हरे रंग के घोड़े वाले)  
  • सहस्तत्रार्चि (हजारों किरणों से सुशोभित)
  • सप्तसप्ति (सात घोड़ों वाले)
  • तिमिरोन्मथन (तम अर्थात अंधकार का नाश करने वाले)
  • शंभू (कल्याण के उद्गम स्थान)
  • त्वष्टा (भक्तों का दुख नष्ट करने वाले अथवा संसार का संहार करने वाले)
  • मार्तंड (संसार को जीवन प्रदान करने वाले)
  • अंशुमान (रश्मिधारण करने वाले)
  • हिरण्यगर्भ (ब्रम्हा)
  • शिशिर (स्वभाववश सुख देने वाले)
  • तपन (गर्मी उत्पन्न करने वाले)
  • अहस्कर (दिनकर)
  • रवि (सभी के द्वारा स्तुति किए जाने वाले)
  • अग्निगर्भ (अग्नि को गर्भ में रखने वाले)
  • अदितिपुत्र (अदिति के पुत्र)
  • शंख (आनंद स्वरूप एवं विद्यमान)
  • शिशिरनाशन(ठंड को नष्ट करने वाले)

  • व्योमनाथ (आकाश पति)
  • तमोभेदी (अंधकार नाशक)
  • ऋग, यजुः और सामवेद के पार जाने वाले
  • घनवृष्टि (अधिक वृष्टि के कारण)
  • आपांमित्र (जल को पैदा करने वाले)
  • विध्य्वीथिप्लवनगम (नभ में तीव्र गति से भ्रमण करने वाले)
  • आतपि (धूप उत्पन्न करने वाले)
  • मण्डली (किरणों के झुंड को धारण करने वाले)
  • मृत्यु (मृत्यु के कारण)
  • पिंगल (भूरे रंग के)
  • सर्वतापन (सबको गर्मी देने वाले)
  • कवि (तीनों कालो को जानने वाले)
  • विश्व (सर्वस्वरूप) 
  • बहुत तेजस्वी
  • रक्त (लाल रंग के)
  • सर्वभवोदर्व्र (सब को उत्पन्न करने के कारण स्वरूप) 
  • नक्षत्र, ग्रह और तारों के पति
  • विश्वभावन (संसार के रक्षक)
  • द्वादशात्मा (बारह सूर्य स्वरूपों में अभिव्यक्त)


आशा करती हूं आदित्यह्रदय स्त्रोत के अनुसार सूर्य देव के 52 नामों पर  (surya dev k 52 naam adityhriday stotra k anusar in hindi) आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।


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