नमस्कार,
दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं प्रथमपूज्य, विघ्नहर्ता, एकदंत श्री गणेश जी के अद्भुत व चमत्कारिक पाठ गणपति अथर्वशीर्ष के बारे में।दोस्तों कुछ भी कार्य क्यों ना हो विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का पूजन सर्वप्रथम किया जाता है। किसी भी कार्य को करने से पूर्व गणेशजी का स्मरण जरूर किया जाता है।
जिन गणपति देवता का स्मरण मात्र करके हम बड़े से बड़े कार्यों को आरंभ कर देते हैं, तो सोचिए यदि गणेश जी की विधि विधान से पूजा कर उनके इस चमत्कारिक अद्भुत अथर्वशीर्ष का पाठ किया जाए तो गणेश जी कितने प्रसन्न होंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं गणेश अथर्वशीर्ष के बारे में कैसे करे गणेश जी को प्रसन्न गणपति अथर्वशीर्ष के अनुसार और भी बहुत कुछ।
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गणपति अथर्वशीर्ष |
गणपति अथर्वशीर्ष क्या है ?
(Ganpati Atharvashirsha ky h in hindi)?
गणपति अथर्वशीर्ष अथर्ववेद का ही एक भाग है जिसे अथर्व ऋषि के द्वारा लिखा गया है। गणपति अथर्वशीर्ष में 10 ऋचाऐं होती है तथा यह संस्कृत में है। गणपति अथर्वशीर्ष प्रथमपूज्य श्री गणेश जी को समर्पित एक वैदिक पूजा है।
इसमें गणेश जी में ब्रम्हा, विष्णु व महेश का वास मानकर उनसे समस्त कष्टों के निवारण हेतु विनय पूर्वक प्रार्थना की गई है।
गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से होने वाले लाभ, फायदे ?
• गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से सारे कठिनाई व संकट दूर हो जाते हैं।
गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से होने वाले लाभ, फायदे ?
(Ganpati Atharvashirsha ka path karne se hone wale labh or fayde in hindi)?
• गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से सारे कठिनाई व संकट दूर हो जाते हैं।
• गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से प्राणी में सकारात्मकता व रचनात्मकता का विकास होता है।
• व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
• जो व्यक्ति गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करता है, वह ब्रह्म को जानने योग्य हो जाता है।
• गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ से व्यक्ति वाणी सिद्धि को प्राप्त करता है।
साथ ही गणेश जी प्राणी में उपस्थित मूलाधार चक्र के स्वामी हैं। गणपति जी की आराधना व पूजन अर्चन करने से व्यक्ति के मूलाधार चक्र की ऊर्जा जागृत होती है। वह व्यक्ति मान सम्मान को प्राप्त करता है।
गणपति अथर्वशीर्ष मे गणेश जी को प्रसन्न करने के उपाय
(Ganpati Atharvashirsha me ganesh jiko prasann karne k upay in hindi)
• गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करते हुए जो व्यक्ति गणेश जी को दूर्वा अर्पित करते हैं,वे कुबेर के समान धनवान हो जाते हैं।
• जो गणेश जी का गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करते हैं व हजारो(1000) मोदक गणेश जी को समर्पित करते हैं वह अपनी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं।
• जो गणेश जी की धान अर्थात अक्षत (चावल) से पूजा करते हैं वे यश और कीर्ति को प्राप्त करते हैं।
• जो गणेश जी को समिधा अर्थात हवन की लकड़ियां अर्पित करते हैं वह विद्यावान व ज्ञानी हो जाते हैं।
• जो व्यक्ति गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करके 8 ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं,वह सूर्य के समान तेजस्वी हो जाते हैं।
गणपति अथर्वशीर्ष की पूजन विधि
(Ganpati Atharvashirsha ki poojan vidhi in hindi)
गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से पूर्व स्नान आदि से निवृत होकर एक लाल ऊन या कुशा के आसन पर पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठ जाइये। इसके पश्चात गणेश जी का चित्र या मूर्ति को अपने सम्मुख रखकर चंदन, कुमकुम, अक्षत, व फूल अर्पित कर संकल्प लेकर मनोकामना बोलिये।
प्रसाद में बेसन के लड्डू, फल, या मोदक का भोग लगाइए। आप गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ लगातार 21 दिन तक कीजिए। यदि आप इसे शुक्ल पक्ष के बुधवार से शुरू करते हैं तो यह आपके लिए ज्यादा अच्छा होगा।
आशा करती हूं कि गणपति अथर्वशीर्ष (Ganapati Atharvashirsha) गणपति जी का अद्भुत व चमत्कारी पाठ से गणेश जी को प्रसन्न करने के उपाय पर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी।
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इसी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे धन्यवाद।
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