नमस्कार,
दोस्तों आज के इस लेख में हम आदित्यह्रदय स्त्रोत में दी गई सूर्य देव की आरती आपको बताने जा रहे हैं। जो संक्षिप्त है जिसके कारण आप इस आरती को कम समय के अंतर्गत गाकर सूर्य देव की पूजा को संपूर्ण कर सकते हैं, तो चलिए शुरू करते हैं।
भगवान सूर्य देव की आरती आदित्यह्रदय स्त्रोत के अनुसार
(Surya dev ki aarti adityhriday stotra k anusar)
जय जय जय रविदेव,
जय जय जय रविदेव ।
राजनीति मदहारी,
शतदल जीवनदाता ।।
षटपद मन मुदकारी,
हे दिनमणि ताता ।
जग के हे जग के रविदेव,
जय जय जय रविदेव ।।
नभ मंडल के वासी,
ज्योति प्रकाशक देवा ।
निज जन हित सुखरासी,
तेरी हम सब सेवा ।।
कहते हैं रविदेव,
जय जय जय रविदेव ।
कनक बदन मनमोहन,
रुचिर प्रभा प्यारी ।
निज मंडल से मंडित,
रुचिर प्रभा प्यारी ।।
हे सुरवर रविदेव,
जय जय जय रविदेव ।।
आशा करती हूं आप को सूर्य देव की आरती जो आदित्यह्रदय स्त्रोत में दी गई है पसंद आई होगी।
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