नमस्कार
दोस्तों हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं के होने की बात कही गई है। उन्ही में सूर्य देवता साक्षात देवता माने गए हैं, जो कि इस सृष्टि का आधार भी है। हमारे सौरमंडल के नव ग्रहों के स्वामी भी सूर्यदेव ही हैं आज हम बात करेंगे सूर्य देव को प्रसन्न करने वाले अद्भुत व चमत्कारिक पाठ आदित्यह्रदय स्त्रोत के बारे में।![]() |
Aditya Hriday Stotra |
भगवान सूर्य को मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, आत्मविश्वास आदि का कारक भारतीय ज्योतिष में माना गया है। शत्रु से मुक्ति के लिए, मुकदमे में विजय प्राप्ति के लिए भी सूर्य देवता का पूजन किया जाता है। बिहार की छठ पूजा जो कि सूर्य देवता को ही समर्पित है, उससे तो आप सभी भलीभांति परिचित होंगे ही।
(और पढ़े :- हनुमान बाहुक की संपूर्ण जानकारी)
तो आइए जानते हैं सूर्य देवता के इस अद्भुत पाठ आदित्य ह्रदय स्त्रोत के बारे में। आदित्य ह्रदय स्त्रोत किसने लिखा है ? आदित्य ह्रदय स्त्रोत क्या फायदे हैं ? आदित्य ह्रदय स्त्रोत पढ़ने के नियम क्या है ? आदि।
आदित्यह्रदय स्त्रोत क्या है?
आदित्य ह्रदय स्त्रोत सूर्य देव को समर्पित एक पाठ हैं, जिसका वर्णन वाल्मीकि रामायण में मिलता है। जब भगवान राम और रावण के बीच अंतिम युद्ध होने वाला था तब अगस्त ऋषि ने श्रीराम को आदित्यह्रदय स्त्रोत के गुप्त रहस्य के बारे में बताया और श्री राम को तीन बार आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ कर रावण वध करने के लिए प्रेरित किया। इसमें सूर्य देव की विभिन्न नामों से स्तुति कर उन्हें प्रसन्न किया गया हैं।
आदित्यह्रदय स्त्रोत पाठ के फायदे क्या है?
आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ बहुत ही फायदेमंद होता है, क्योंकि सूर्य देवता जगत के आधार है। उनके उदय और अस्त होने पर ही सृष्टि का क्रम चलता है। अन्न उत्पन्न होता है, वर्षा होती है। सूर्य देव की उपासना हमारे लिए कई तरह से फायदेमंद होती है जो निम्न है।
आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ कब करें?
आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ रविवार को करना विशेष फलदायी होता है परंतु आप चाहे तो नियमित रूप से आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं।
सूर्य देव की पूजन के लिए सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनकर एक तांबे के कलश में कुमकुम या लाल चंदन व लाल पुष्प डाल कर सूर्य देव को गायत्री मंत्र पढ़ते हुए या सूर्य देव के अन्य नामों का स्मरण करते हुए अर्घ्य दें। फिर सूर्यदेव के सम्मुख या अपने नियमित पूजा स्थल पर आप बैठकर आदित्यहृदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं।
आशा करती हूं सूर्य देव को प्रसन्न करने वाले अद्भुत व चमत्कारिक पाठ आदित्यह्रदय स्त्रोत ह्रदय से संबंधित आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी।
धन्यवाद।
(और पढ़े :- हनुमान बाहुक की संपूर्ण जानकारी)
तो आइए जानते हैं सूर्य देवता के इस अद्भुत पाठ आदित्य ह्रदय स्त्रोत के बारे में। आदित्य ह्रदय स्त्रोत किसने लिखा है ? आदित्य ह्रदय स्त्रोत क्या फायदे हैं ? आदित्य ह्रदय स्त्रोत पढ़ने के नियम क्या है ? आदि।
आदित्यह्रदय स्त्रोत क्या है?
( Aditya Hriday Stotra ky h in hindi)
आदित्य ह्रदय स्त्रोत सूर्य देव को समर्पित एक पाठ हैं, जिसका वर्णन वाल्मीकि रामायण में मिलता है। जब भगवान राम और रावण के बीच अंतिम युद्ध होने वाला था तब अगस्त ऋषि ने श्रीराम को आदित्यह्रदय स्त्रोत के गुप्त रहस्य के बारे में बताया और श्री राम को तीन बार आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ कर रावण वध करने के लिए प्रेरित किया। इसमें सूर्य देव की विभिन्न नामों से स्तुति कर उन्हें प्रसन्न किया गया हैं।
आदित्यह्रदय स्त्रोत पाठ के फायदे क्या है?
(Aditya Hriday Stotra path k fayde in hindi)
आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ बहुत ही फायदेमंद होता है, क्योंकि सूर्य देवता जगत के आधार है। उनके उदय और अस्त होने पर ही सृष्टि का क्रम चलता है। अन्न उत्पन्न होता है, वर्षा होती है। सूर्य देव की उपासना हमारे लिए कई तरह से फायदेमंद होती है जो निम्न है।
- सूर्य आदित्यह्रदय स्त्रोत का नियमित पाठ करने से शत्रु भय से मुक्ति मिलती है।
- सूर्य देव को लंबी आयु प्रदान करने वाला भी कहा गया है इस पाठ को करने से व्यक्ति की आयु लंबी होती हैअर्थात व्यक्ति दीर्घायु होता है
- जो लोग अपने कार्यक्षेत्र या नौकरी में पदोन्नति चाहते हैं वह भी आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं।
- धन प्राप्ति के लिए भी आप आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं।
- सूर्यदेव की नियमित उपासना व पूजन से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- सूर्य देव का पूजन सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला व मुकदमो में विजय प्राप्त कराने वाला होता है।
आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ कब करें?
(Aditya Hriday Stotra ka path kab kare in hindi)
आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ रविवार को करना विशेष फलदायी होता है परंतु आप चाहे तो नियमित रूप से आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं।
आदित्यह्रदय स्त्रोत पाठ पूजन विधि
(adityhriday stotra paath poojan vidhi)
सूर्य देव की पूजन के लिए सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनकर एक तांबे के कलश में कुमकुम या लाल चंदन व लाल पुष्प डाल कर सूर्य देव को गायत्री मंत्र पढ़ते हुए या सूर्य देव के अन्य नामों का स्मरण करते हुए अर्घ्य दें। फिर सूर्यदेव के सम्मुख या अपने नियमित पूजा स्थल पर आप बैठकर आदित्यहृदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं।
आशा करती हूं सूर्य देव को प्रसन्न करने वाले अद्भुत व चमत्कारिक पाठ आदित्यह्रदय स्त्रोत ह्रदय से संबंधित आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी।
धन्यवाद।
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