क्यों नहीं मिलता हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ (kyo nahi milta hanuman chalisa padhne ka labh in hindi)

 नमस्कार,


             दोस्तों हिंदू धर्म में हर दूसरा व्यक्ति हनुमान चालीसा (Hanuman chalisa) का पाठ करता है परंतु हनुमान चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने पर भी कुछ लोगों को हनुमान चालीसा पढ़ने का फायदा या लाभ नहीं मिल पाता है।

दोस्तों आज की इस लेख में हम जानेंगे कि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने पर भी फल ना मिलने की कुछ कारणों के बारे में (Hanuman chalisa ka fal na milne k karan). तो चलिए शुरू करते हैं वे कारण कौन से हैं उनके बारे में चर्चा।

1.) पूजा के समय अन्य विचारों को मन में सोचना
(Pooja k samay anay vichar man me aana)


दोस्तों हम में से कुछ लोग बैठते तो पूजा में है परंतु हमारा मन पूजा में न लगकर कहीं और ही भटकता रहता है। हमारा मन किसी और ही चीज जैसे अपनी परेशानी, व्यापार, घर आदि की चिंता में ही लगा रहता हैं।




देखने में तो लगता है कि हम पूजा कर रहे हैं पर वास्तव में हम सिर्फ शरीर से ही भगवान के निकट उपस्थित होते हैं। किंतु हमारा मन पूजा में ना होकर कहीं और ही लगा रहता है। इसलिए भी हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए भी हमें हनुमान चालीसा का पाठ करने का फायदा नहीं मिलता है।

(और पढ़े :- हनुमान अष्टक पाठ की महिमा, फायदे औऱ पूजन विधि)

आप जब भी किसी भी पाठ को करें पूरे मन व श्रद्धा भाव से एकाग्रचित्त होकर करें। फिर देखिए आपको उस पाठ का फल जरूर मिलेगा।

2.) स्वार्थी भाव से पूजा करना
    (Swarthi bhaaw se pooja karna)


हनुमान चालीसा पढ़ने का फल न मिलने का दूसरा प्रमुख कारण हमारा अपना स्वार्थी भाव है। कुछ लोग परेशानी आने पर तो दिन में दो-दो बार मंदिर जाते हैं पर जैसे ही वह परेशानी चली जाती है पूजा-पाठ व भगवान को भूलकर काम में व्यस्त हो जाते हैं।

इस प्रकार अपने अच्छे दिनों में या खुशियों के समय भगवान को भूल जाना व परेशानी व कठिन दिनों में ही भगवान की भक्ति करना हमारे स्वार्थी भाव को दर्शाता है। इसलिए दुख के समय तो हर कोई ईश्वर को याद करता है किंतु जो व्यक्ति सुख में भी ईश्वर को नहीं भूलता भगवान उनकी मदद जरूर करते हैं।

3.) बुरे कर्म
    (Bure karma)


दोस्तों यह विश्व "कर्म" प्रधान है। तुलसीदास जी ने भी लिखा है "कर्म प्रधान विश्व रचि राखा" अर्थात भगवान ने इस संसार को कर्म प्रधान बनाया है। इसलिए आपको सच्ची भक्ति के साथ अच्छे कर्म करना चाहिए।


यदि आप बुरे कर्म करते हैं तो आपको उनका परिणाम भी बुरा ही मिलता है। ऐसे में सच्ची भक्ति करने पर भी ईश्वर आपकी सहायता नहीं करते हैं। एक प्रकार से आप पूजा कर अच्छा कार्य कर रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ लोगों से बुरा व्यवहार कर रहे हैं तो ऐसे में आपको अपने कर्मों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

4.) संकल्प को लेकर पुराना करना
    (Sankalp ko poora na karna)


जब व्यक्ति तकलीफ में होता है तब वह संकल्प लेकर पूजा-पाठ इत्यादि सभी करते हैं परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनमें धैर्य की कमी होती है या उनकी श्रद्धा में कमी के कारण मैं अपना संकल्प पूरा नहीं कर पाते। जिसके कारण भी उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ने का फल नहीं मिलता है।

कुछ विशेष कारण जैसे पीरियड आने पर या सूतक इत्यादि के समय संकल्प को रोक सकते हैं किंतु बाद में पुनः जारी कर संकल्प को पूर्ण जरूर करें।

5.) शास्त्र के नियमों का पालन न करना
    (Shastr ke niymo ka palan na karna)


कुछ लोग शास्त्रों में बताए गए पूजा-पाठ के नियमों का पालन नहीं करते हैं। वे लोग अपने अनुसार ही पूजा-पाठ करते हैं। हमें शास्त्रों में बताए गए पूजा पाठ के कुछ नियमों जैसे घर में सफाई रखना, मांस-मदिरा का सेवन न करना,नहाकर साफ व स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा- पाठ करना इत्यादि नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।




दोस्तों पूजा-पाठ से जुड़े शास्त्रों के सामान्य नियमों का पालन करना सभी के लिए जरूरी होता ऐसा न करने पर भी हमें पाठ का फल प्राप्त नहीं हो पाता है।

आशा करती हूं आगे से किसी भी पाठ को आप जब करेंगे तो उक्त बिंदुओं को ध्यान में रखेंगे। ताकि किसी भी पाठ का आपको पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।

हमारे आज के लेख क्यों नहीं मिलता हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ (kyo nahi milta hanuman chalisa padhne ka labh) पर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी। हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद।

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