नमस्कार,
दोस्तों श्रीमद भगवत गीता हिंदुओं के पवित्र ग्रंथों में एक हैं इसमें किसी भी प्रकार का संदेह नहीं है। गीता में ज्ञान के साथ-साथ विज्ञान का भी समावेश है। गीता के बारे में तो सभी ने सुना है पर हम आपको आज के इस लेख के अंतर्गत गीता से जुड़ी 5 रहस्यमई बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आप में से कई लोग शायद ही जानते होंगे।
भगवत गीता के बारे में हम सभी को पता है कि भगवत गीता भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण जी के द्वारा उनके प्रिय मित्र या सखा अर्जुन को कुरुक्षेत्र की रणभूमि में महाभारत के युद्ध के समय दिया गया था।
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भगवत गीता एक प्रकार की प्रश्नोत्तरी किताब है। जिसमें अर्जुन भगवान श्री कृष्ण से अपने मन में उठ रहे प्रश्नों व संदेह का उत्तर या समाधान भगवान श्री कृष्ण के मुख से पाते हैं और अंतिम निर्णय अर्जुन को लेने के लिए कहते हैं।
भगवत गीता एक प्रकार की प्रश्नोत्तरी किताब है। जिसमें अर्जुन भगवान श्री कृष्ण से अपने मन में उठ रहे प्रश्नों व संदेह का उत्तर या समाधान भगवान श्री कृष्ण के मुख से पाते हैं और अंतिम निर्णय अर्जुन को लेने के लिए कहते हैं।
चलिए अब हम चलते हैं हमारे आज के लेख भगवत गीता से जुड़ी पांच रहस्यमई बातों के विषय पर जो कि निम्नानुसार हैं।
गीता का अंग्रेजी अनुवाद :-
(English translation of Gita) :-
हमारी आज की युवा पीढ़ी जो कि पश्चिमी सभ्यता को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहती है और अपने ही देश के धर्म, ग्रंथ आदि को समझने में उनकी रुचि बहुत कम होती है।
मैं आपको इस लेख के माध्यम से बताना चाहूंगी कि आज से लगभग 234 वर्ष पहले अंग्रेजों ने इस महान ग्रंथ श्रीमद् भगवत गीता को अपनी भाषा अर्थात अंग्रेजी में अनुवाद (Translate) करवाया था। श्रीमद् भगवत गीता को अंग्रेजी में अनुवाद करवाने वाले व्यक्ति का नाम चार्ल्स विल्किन्स (Charles Wilkins) था।
कोर्ट में श्रीमद भगवत गीता की कसम खाना :-
(Swearing by Shrimad Bhagavad Gita in court in hindi) :-
हमारे भगवत गीता से जुड़े दूसरे रहस्य के बारे में बात करने से पहले हम बात करते हैं हमारी हिंदी फिल्मों की जहां पर कोर्ट में किसी व्यक्ति को गवाही देने से पहले श्रीमद भगवत गीता पर हाथ रखकर कसम खिलाई जाती है।
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क्या आप जानते हैं पहले ऐसा सचमुच होता था परंतु अब इसे यह कह कर बंद कर दिया गया है कि कोई व्यक्ति गीता पर हाथ रखकर झूठी कसम भी तो खा सकता है। पर क्या आपको पता है आज भी इंग्लैंड की कोर्ट में जब किसी हिंदू को गवाही देना होता है तो उसे भगवत गीता पर हाथ रखकर कसम खिलाई जाती है।
श्रीमद् भगवत गीता का ज्ञान देते समय श्री कृष्ण की आयु
क्या आप जानते हैं पहले ऐसा सचमुच होता था परंतु अब इसे यह कह कर बंद कर दिया गया है कि कोई व्यक्ति गीता पर हाथ रखकर झूठी कसम भी तो खा सकता है। पर क्या आपको पता है आज भी इंग्लैंड की कोर्ट में जब किसी हिंदू को गवाही देना होता है तो उसे भगवत गीता पर हाथ रखकर कसम खिलाई जाती है।
श्रीमद् भगवत गीता का ज्ञान देते समय श्री कृष्ण की आयु
(Age of Shri Krishna while giving the knowledge of Shrimad Bhagavad Gita in hindi)
हम सभी लोगों ने भगवत गीता को विभिन्न टीवी सीरियल से जैसे बी.आर. चोपड़ा की महाभारत, जय श्री कृष्णा आदि के माध्यम से ही जाना है। जिसमें श्री कृष्ण भगवान को भगवत गीता का ज्ञान देते समय काफी युवा दिखाया गया है। पर मैं आपको यहां पर गीता का ज्ञान देते समय श्री कृष्ण की असली आयु के बारे में बताना चाहूंगी।
जी हां दोस्तों उस समय श्रीकृष्ण को अवतार लिए 89 साल बीत चुके थे अर्थात भगवान गीता का ज्ञान देते समय श्री कृष्ण की आयु 89 साल की थी। श्री कृष्ण ने गीता को रविवार के दिन एकादशी तिथि पर 45 मिनट के अंतर्गत अर्जुन को सुनाया था।
भगवत गीता 18 अध्याय होने का महत्व
(Importance of having Bhagavad Gita 18 Chapters in hindi)
दोस्तों हमारे ज्योतिष विज्ञान में अंको का बहुत अधिक महत्व है। हमारे देश के इतिहास को देखा जाए तो उसमें भी महाभारत में 18 पुस्तक को जिन्हें हम 18 पर्व के नाम से जानते हैं। गीता में भी अध्यायों की संख्या 18 ही है। महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला था।
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इस प्रकार 18 अंक का हमारे हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हिंदू धर्म 18 पुराण व 18 उपपुराण भी है। इसी प्रकार 18 धर्म शास्त्र भी है। 18 अंक का इतना महत्वपूर्ण होने के पीछे यह कारण है कि संस्कृत में नंबर 1 का अर्थ है "य" वह नंबर 8 का अर्थ होता है "ज" जिसका सम्मिलित अर्थ होता है जीत। महाभारत का पुराना नाम "जयसंहिता" ही था।
भगवत गीता को अर्जुन के अलावा सुनने वाले अन्य लोग
(People other than Arjun who listened to Bhagavad Gita in hindi)
अधिकतर लोग यही जानते हैं कि श्रीमद् भगवत गीता को श्री कृष्ण ने कहा व अर्जुन ने सुना था। पर क्या आप जानते हैं कि अर्जुन के अलावा भी दो लोग ऐसे थे। जिन्होंने श्री कृष्ण के मुख से बोली गई गीता को साक्षात सुना था।
जी हां दोस्तों उन दो लोगों में से एक का नाम है बर्बरीक जो कि भीम के पौत्र अर्थात घटोत्कच के पुत्र थे। जो एक पहाड़ी के ऊपर पेड़ पर रखे अपने जीवित शीश के माध्यम से गीता का ज्ञान सुन रहे थे।
दूसरे व्यक्ति जिन्होंने इससे साक्षात सुना था उनका नाम है महाबली हनुमान जी। अर्जुन जो कि अर्जुन के रथ के ऊपर विराजमान थे।
आशा करती हूं श्रीमद् भगवत गीता से जुड़ी पांच रहस्यमई बातों पर आपको (5 mysterious things related to Shrimad Bhagwat Geeta in hindi) हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी। हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
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