दोस्तों इस धरती पर सभी लोग कर्म बंधन से बंधे हुए हैं। किसी भी मनुष्य का माता या पिता बनना संसार के सभी सुखों से बढ़कर है। हर इंसान चाहता है कि उसे माता या पिता बनने का सुख मिले व उसकी संतान खूब अच्छी बने व तरक्की करें।
पर क्या आपको पता है आपके घर जो संतान जन्म लेती है वह आपके पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर आपके घर में जन्म लेती है? जी हां दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करेंगे पूर्वजन्म में के आधार पर संतान के रूप में हमारे घर कौन आता है? किस कर्म के अनुसार हमें कैसी संतान मिलती है? इन सब के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं।
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Types of child |
दोस्तों विशेषज्ञों के अनुसार पूर्वजन्म के आधार पर चार प्रकार की संतान होती है जो किसी के घर में जन्म लेती है। जो कि हमारे कर्मों के आधार पर निर्धारित होती है। यह चार प्रकार की संतान पूर्वजन्म के आधार पर निम्नलिखित है।
ऋणानुबंध संतान (rnaanubandh santaan)
ऐसी संतान जिसके साथ हमारा पैसों से संबंधित किसी भी प्रकार का लेन-देन बाकी होता है। इस प्रकार की संतान ऋण अनुबंध के कारण हमारे घर में पैदा होती है। यदि किसी व्यक्ति से आपने अपने पूर्व जन्म में कुछ रुपए या पैसे उधार लिए और उसे आप चुका नहीं पाए तो यह व्यक्ति आपके घर कर्जा लेने के लिए आता है।
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इस प्रकार की संतान आपके पैसों को व्यर्थ में खर्च करवाती है या किसी गंभीर बीमारी के रूप में यह संतान आपका पैसा खर्च करवा कर अपने कर्ज का ऋण अनुबंध पूरा करती है। जब तक कि इसका पूर्वजन्म का हिसाब पूरा ना हो जाए।
शत्रु संतान (shatru santaan)
शत्रु संतान से आशय यदि आपने आपके पिछले जन्म में किसी व्यक्ति का घोर अपमान किया हो या कोई आपका शत्रु हो वह इस जन्म में आपकी संतान के रूप में अपनी शत्रुता को पूरा करने या अपमान का बदला लेने के लिए आपके घर आता है। ऐसी संतान शत्रु संतान कहलाती हैं।
उदासीन संतान (udaaseen santaan)
उदासीन संतान से आशय ऐसी संतान से है जिसेमें संतान का अपने माता-पिता के प्रति किसी भी प्रकार का प्यार व लगाव नहीं होता है। इस प्रकार की संतान माता पिता के प्रति अपने कर्तव्य से विमुख होती है।
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इस प्रकार की संतान शादी के बाद अपने माता-पिता से अलग होकर रहने लगती है या किसी ने किसी कारणवश इस प्रकार की संतान अपने माता-पिता के प्रति कम लगाव रखती है।
सेवक संतान आपके घर में जब पैदा होती है जब आपने आपके पूर्वजन्म में किसी को कुछ कर्ज़ दिया हो या किसी व्यक्ति की खूब सेवा की हो। तब वह व्यक्ति अपने उस कर्ज़ या सेवा को चुकाने के लिए आपके घर में संतान के रूप में जन्म लेता है और अपने माता-पिता की खूब सेवा करता है।
इस प्रकार की संतान शादी के बाद अपने माता-पिता से अलग होकर रहने लगती है या किसी ने किसी कारणवश इस प्रकार की संतान अपने माता-पिता के प्रति कम लगाव रखती है।
सेवक संतान (sevak santaan)
सेवक संतान आपके घर में जब पैदा होती है जब आपने आपके पूर्वजन्म में किसी को कुछ कर्ज़ दिया हो या किसी व्यक्ति की खूब सेवा की हो। तब वह व्यक्ति अपने उस कर्ज़ या सेवा को चुकाने के लिए आपके घर में संतान के रूप में जन्म लेता है और अपने माता-पिता की खूब सेवा करता है।
अब आप लोग समझ ही गए होंगे कि किस प्रकार हमारे पूर्वजन्म के कर्मों के आधार पर हमें इस जन्म में संतान मिलती है। इसलिए जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके अच्छे कर्म करिए।
आशा करती हूं पूर्व जन्म के अनुसार हमारे घर कैसे संतान जन्म लेगी इस पर आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
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