हनुमान भक्त का अनुभव (hanumaan bhakt ka anubhav in hindi)

 नमस्कार,


दोस्तों आज हम हनुमान जी से जुड़े एक भक्त के अनुभव के बारे में बात करेंगे। आज हम आपको इस लेख में आशीष जो कि छिंदवाड़ा जिले में निवास करते हैं उनका हनुमान जी की भक्ति से जुड़ा एक अनुभव साझा करेंगे।

इस अनुभव के बाद मुझे यकीन है कि आप जिस भी ईश्वर या भगवान में विश्वास रखते हैं उनके प्रति आपका विश्वास, भरोसा और अधिक मजबूत हो जाएगा  तो आइए शुरू करते हैं, हनुमान जी के इस भक्त के अनुभव के बारे में।

(और पढ़ें :- हनुमान चालीसा लिखने के पीछे का रहस्य)

हनुमान भक्त आशीष का जन्म पूजा-पाठ करने वाले घर में हुआ था। उनके घर का माहौल धार्मिक था, परंतु आशीष का मन कभी भक्ति में नहीं लगता था। आशीष कभी-कभी हनुमान चालीसा का पाठ कर लिया करते थे। पर उनका मन कभी भक्ति में नहीं लगता था।

सन 2020 से आशीष ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना शुरू कर दिया था और वह प्रत्येक सोमवार को शिव सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करने लगा। तब से उसका मन भक्ति व पूजा-पाठ में लगने लगा था।

जब कोरोना की पहली लहर ने भारत में दस्तक दी थी, उस समय आशीष व उनका परिवार उनकी नानी के घर भोपाल में थे। उनके पापा अपनी जॉब की वजह से छिंदवाड़ा में ही रह रहे थे।

कोरोना की लहर के चलते आशीष को पता चला कि उनके पापा को बुखार आया है जब उन्होंने टेस्ट करवाया तो उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव निकला पर उनके पापा का बुखार उतर ही नहीं रहा था। तब आशीष के कहने पर उनके पिता भोपाल आ गए। भोपाल में उन्होंने फिर से कोरोना टेस्ट करवाया जो कि पॉजिटिव आया।

 (और पढ़े :- हनुमान बाहुक की संपूर्ण जानकारी)

यह बात जानकर हमारे हनुमान भक्त आशीष के पैरों तले जमीन खिसक गई। तब आशीष अपने मामा के कहने पर हनुमान जी के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का सच्चे दिल से पाठ करने लगे। इसके बाद उनके पिताजी के बहुत सारे टेस्ट हुए और सभी रिपोर्ट नॉर्मल आ गई और आशीष के पिताजी कोरोना की जंग जीत गए।

उसके बाद आशीष ने भगवान शिव के साथ हनुमान जी की भक्ति करना शुरू कर दिया  आशीष यूट्यूब पर भी हनुमान जी से संबंधित वीडियो व जानकारी को देखने लगे। उन्होंने हनुमान चालीसा का भी निरंतर पाठ करना शुरू कर दिया।

इसके बाद 2021 में आशीष के पूरे परिवार को कोविड हो गया और पुनः हनुमान जी की कृपा से सभी लोग ठीक हो गए। परंतु हनुमान भक्त आशीष की समस्या अभी ही खत्म नहीं हुई थी।



आशीष 2019 के BE पास आउट थे पर कम परसेंट की वजह से उन्हें किसी कंपनी में अप्लाई करने या केंपस प्लेसमेंट का मौका नहीं मिलता था। आशीष के सभी दोस्तों की नौकरी लग चुकी थी। सिर्फ एक आशीष थे जिन्हें अभी तक नौकरी नहीं मिली थी।

आशीष जहां भी नौकरी के लिए अप्लाई करते उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगती। जिसके चलते आशीष ने हनुमान जी पर बहुत गुस्सा किया और कहने लगे यह सब भक्ति करना झूठ हैं। इसलिए भगवान हनुमान जी मेरी मदद नहीं कर रहे हैं। 

परंतु जब आशीष को अपनी गलती का अहसास हुआ तब आशीष ने हनुमान जी से माफी मांगी और एक बार फिर से वह हनुमान जी का नाम लेकर नौकरी की तलाश में निकल पड़े।

इस बार उन्हें आश्चर्य हुआ उनका जॉब प्लेसमेंट हो चुका था और उनका सैलरी पैकेज उनके सभी दोस्तों से ज्यादा था। अंत में आशीष आप सभी को बस यही बताना चाहते हैं कि भगवान हमारी परीक्षा लेते हैं।

कभी भी हमें अपने आराध्य का हाथ नहीं छोड़ना चाहिए और धैर्य को बनाए रखते हुए अपना कर्म करते रहना चाहिए। हमारे आराध्य हमारी जरूरत सुनते हैं।

आशा करती हूं आपको हमारे हनुमान भक्त आशीष कि यह सच्ची कहानी से अपने आराध्य पर भरोसा रखने की प्रेरणा जरूर मिली होगी।

हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ