दोस्तों आपने आयुर्वेद में या लोगों के द्वारा अक्सर यह कहते सुना होगा कि हमें ब्रह्ममुहूर्त जिसे कुछ लोग अमृतवेला के नाम से भी जानते हैंपर उठना चाहिए तथा ब्रह्म मुहूर्त में उठने पर व्यक्ति स्वस्थ और लंबी आयु को प्राप्त करता है। आज की इस लेख में हम जानेंगे क्या है यह ब्रह्ममुहूर्त? ब्रह्ममुहूर्त का महत्व क्या है ? आदि के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं हमारे आज के विषय ब्रह्ममुहूर्त के बारे में।
ब्रह्ममुहूर्त क्या है?
(Brahmamuhurta ky h in hindi)?
ब्रह्ममुहूर्त (Braham muhurt) एक चमत्कारिक पल या अमृतवेला का समय होता है। सूर्य उदय से ठीक 96 मिनट पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है।
आमतौर पर ब्रह्ममुहूर्त का समय 3:45 से 4:30 तक का होता है ।
ब्रह्ममुहूर्त का महत्व
( BrahmaMuhurta ka mahtaw)
ब्रह्ममुहूर्त धर्मशास्त्र, योगज़ वेद व आयुर्वेद की दृष्टि के हिसाब से सबसे अच्छा समय माना जाता है। आइए जानते हैं ब्रह्ममुहूर्त का महत्व क्या है?
• इस समय किया गया कार्य विशेष रूप से उत्तम फलदाई होता है।
• विद्यार्थियों द्वारा इस समय पढ़ाई करने से उन्हें पढ़ा हुआ जल्दी याद होता है व अधिक समय तक याद रहता है।
• ब्रह्ममुहूर्त में ब्रह्मांडीय शक्ति जिसे कॉस्मिक एनर्जी कहा जाता है, का प्रभाव सबसे अधिक होता है।
• ब्रह्ममुहूर्त के समय उठकर ध्यान करने से एकाग्रता में वृद्धि होती है।
• ब्रह्ममुहूर्त के समय वातावरण सबसे शुद्ध होता है इस समय 41% ऑक्सीजन व 4% कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा होती है। दिन बढ़ने के साथ ही प्रदूषण भी बढ़ने लगता है।
• सुबह के समय शोर जिससे नॉइस (Noise) पोलूशन भी कहा जाता है, सबसे कम होता है।
• ब्रह्म मुहूर्त के समय का वातावरण शांत होता है जिसके कारण उस समय हम अपने कार्यों को शांत मन व एकाग्रता के साथ कर सकते हैं
• आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति लंबी आयु व अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करता हैं।
आशा करती हूं ब्रह्ममुहूर्त या अमृतबेला का महत्व पर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी।
धन्यवाद।
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