नमस्कार,
दोस्तों आज हम माता के एक शक्तिपीठ के बारे में जानेंगे जो कि राजस्थान में स्थित है। आज हम जिस शक्तिपीठ के बारे में बात करेंगे उसका नाम है माता शाकंभरी मंदिर सांभर राजस्थान। शाकंभरी माता की चौहान वंश की कुलदेवी के रूप में पूजा की जाती है।
52 शक्तिपीठों में माता शाकंभरी देवी के शक्तिपीठ का स्थान 22 वे नंबर पर आता है। यह लगभग 2000 साल पुराना मंदिर है। आज के इस लेख में हम जानेंगे माता शाकंभरी देवी का इतिहास क्या है? माता शाकंभरी मंदिर कैसे पहुंचे के बारे में, तो आइए शुरू करते हैं।
सांभर की माता शाकंभरी का इतिहास :-
(Sambhar ki Mata Shakambari ka itihaas):-
मां शाकंभरी के नामकरण के विषय में यह कहा जाता है कि एक बार इस भू-भाग में भीषण अकाल पड़ने पर देवी ने शाक वनस्पति के रूप में अंकुरित होकर जन-जन का भरण पोषण किया। तभी से देवी का नाम मां शाकंभरी पड़ गया। शाकंभरी देवी का मंदिर सांभर से लगभग 18 किलोमीटर दूर सांभर झील के पास स्थित है। जहां पर श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है।
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Maa Shakambari |
सांभर का ऐतिहासिक, पुरातात्विक महत्व भी प्रमुख हैं। सांभर पर चौहान राजवंश का शताब्दियों तक आधिपत्य रहा है। चौहान वंश के शासक वसुदेव ने सातवीं शताब्दी में सांभर झील व सांभर नगर की स्थापना शाकंभरी मंदिर के पास ही की थी।
शाकंभरी मां दुर्गा का एक नाम है। जिसका अर्थ है शाक से जनता का भरण-पोषण करने वाली। समस्त भारतवर्ष में मां शाकंभरी का सर्वोत्तम प्राचीन मंदिर राजस्थान के सांभर कस्बे में स्थित मंदिर ही है।
यहां पर स्थित शाकंभरी माता की प्रतिमा स्वयंभू अर्थात स्वयं से निर्मित भूमि से निकली हुई है। प्रतिवर्ष भाद्र मास की अष्टमी को शाकंभरी माता का मेला इस स्थान पर लगता है।
माता शाकंभरी का प्राचीन सिद्धपीठ जयपुर जिले के सांभर कस्बे में स्थिति है। शाकंभरी माता सांभर की अधिकृत देवी हैं। सांभर एक प्राचीन गांव है जिसका ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व है।
माता शाकंभरी का प्राचीन सिद्धपीठ जयपुर जिले के सांभर कस्बे में स्थिति है। शाकंभरी माता सांभर की अधिकृत देवी हैं। सांभर एक प्राचीन गांव है जिसका ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व है।
सांभर का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है। एशिया की सबसे बड़ी नमक का उत्पादन करने वाली झील सांभर भी इसी क्षेत्र के अंतर्गत आती है। सांभर का इतिहास माता शाकंभरी के अलावा राजा ययाति की दोनो रानियों देवयानी और शर्मिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है। इनके नाम पर यहां पर एक विशाल सरोवर व कुंड भी स्थित है।
माता शाकंभरी मंदिर कैसे पहुंचे :-
राजस्थान में स्थित झील के निकट स्थित मां शाकंभरी देवी के मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे फुलेरा है। वायु मार्ग से पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर में स्थित हैं।
माता शाकंभरी मंदिर कैसे पहुंचे :-
(Mata Shakambari mandir rajsthasthan)
राजस्थान में स्थित झील के निकट स्थित मां शाकंभरी देवी के मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे फुलेरा है। वायु मार्ग से पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर में स्थित हैं।
बस मार्ग द्वारा जाने के लिए आप सांभर तक पहुंच सकते हैं। सांभर से माता शाकंभरी देवी का मंदिर लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
आशा करती हूं आपको हमारे द्वारा मां शाकंभरी मंदिर राजस्थान पर दी गई हमारी यह जानकारी हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद।
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