नमस्कार,
दोस्तों अपना घर बनाना है या खरीदना हर इंसान का सपना होता है। हर व्यक्ति यह सपने देखता है कि मैं जब भी अपना घर बनाऊंगा तो उसकी दीवारों पर इस तरह के रंगों का प्रयोग करूंगा, घर का किचन इस तरह से होगा, मेन गेट ऐसा होगा आदि।
घर यदि वास्तु के अनुसार होता है तो वह घर आपके लिए बहुत ही फलदाई साबित होता है। परंतु कई बार हम घर को वास्तु के हिसाब से बना लेते हैं किंतु उसके बाद भी घर में कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जिनके कारण वह घर हमें शुभ फल प्रदान नहीं करता है।
उदाहरण के लिए घर की दीवारों पर हम अपनी जन्म कुंडली के विपरीत ग्रहों के हिसाब से कलर या रंगों का चुनाव करते हैं। साथ ही हम घर की दीवारों पर रंग का प्रयोग उसकी दिशा के अनुरूप नहीं करते हैं जिसके परिणाम स्वरूप हमें घर में कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आज के इस लेख में हम बात करेंगे घर का रंग वास्तु के आधार पर कैसा होना चाहिए के बारे में। इस सृष्टि का निर्माण पांच तत्वों से मिलकर हुआ है। अग्नि, वायु, जल आकाश व पृथ्वी।
हर एक तत्व का निश्चित रंग होता है और हर तत्व की अपनी एक दिशा होती है। आइये अब जानते हैं कौन सी दिशा में कौन सा रंग वास्तु के अनुसार उपयोगी होता है।
उत्तर दिशा के लिए
(To The North)
पांच तत्व में उत्तर दिशा जिस तत्व का प्रतिनिधित्व करती है उसका नाम है जल। जो कि नीले रंग को दर्शाता है। हम घर के उत्तर दिशा में नीले रंग से जुड़े हुए रंगों को घर की दीवारों पर लगा सकते हैं। उत्तर दिशा में नीले रंग का प्रयोग आपके जीवन में एक से एक नए मौके आपको आपकी जिंदगी में सफल होने के लिए प्रदान करता है।
पूर्व दिशा के लिए
(To The East)
पूर्व दिशा जहां से सूर्य उदय होता है इस दिशा के तत्व कि हम बात करें तो वह है वायु तत्व। तथा यह हरे रंगों को दर्शाता है। यदि आप अपने घर की पूर्व दिशा में हरे रंग से संबंधित कोई भी रंग का चुनाव करते हैं तो यह वास्तु की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा। पूर्व दिशा में हरे रंग का चुनाव ज्यादा से ज्यादा लोगों को आप से जोड़ने में मदद करेगा।
उत्तर-पूर्व दिशा के लिए
(For North-East Direction)
उत्तर पूर्व दिशा को वास्तु के हिसाब से ईशान कोण कहा जाता है। इस दिशा में आप उत्तर दिशा व पूर्व दिशा के रंगों का प्रयोग कर सकते हैं। यहां पर आप हरे, नीले व दोनों के मिले-जुले रंगों का प्रयोग भी कर सकते हैं।
दक्षिण दिशा के लिए
(To The South)
दक्षिण दिशा के लिए जो तत्व जिम्मेदार है उसका नाम है अग्नि तत्व तथा यह लाल रंग को दर्शाता हैं। इस दिशा में आप लाल रंग से संबंधित कलर जैसे महरून, पिंक,नारंगी आदि का प्रयोग कर सकते है। दक्षिण दिशा में लाल रंग का प्रयोग आपको प्रसिद्धि दिलाता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा के लिए
(For South-East Direction)
दक्षिण-पूर्व दिशा जिसे वास्तु शास्त्र में अग्नि कोण के नाम से भी जाना जाता है। इसका तत्व भी अग्नि ही होता हैं। इसलिए यहां भी लाल रंग से संबंधित रंगों का उपयोग करना वास्तु के हिसाब से उत्तम माना गया है।
दक्षिण पश्चिम दिशा के लिए
(For South-East Direction)
दक्षिण-पश्चिम दिशा को वास्तु शास्त्र में नेऋत्य कोण भी कहा जाता है। इसका जो तत्व है वह हैं पृथ्वी। पृथ्वी तत्व के लिए जो रंग उत्तरदाई यह वह है पीला। यदि इस दिशा में पीले कलर से संबंधित रंगों का उपयोग किया जाता है तो यह हमारे जीवन में स्थिरता प्रदान करता है।
पश्चिम दिशा के लिए
(To The West)
पश्चिम दिशा जहां पर सूर्यास्त होता है इस दिशा के लिए उत्तरदायी तत्व का नाम आकाश तत्व है। तथा इसके लिए आवश्यक रंग ग्रे है जिसे हम स्लेटी रंग भी कहते हैं। इसी के साथ सफेद रंग भी आकाश तत्व को मजबूत करने के लिए उत्तरदाई है। यह दिशा मनुष्य के जीवन में लाभ व पैसों के लिए उत्तरदाई है।
उत्तर-पश्चिम के लिए
(To The North-West)
उत्तर-पश्चिम दिशा को वास्तु शास्त्र में वायव्य कोण भी कहा जाता है। इस दिशा का तत्व भी आकाश तत्व ही है। यहां पर भी हम सफेद रंग व स्लेटी रंग का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही यहां पर क्रीम रंग का प्रयोग भी किया जा सकता है।
अपने घर के वास्तु को आप हमारे द्वारा बताए गए रंगों के हिसाब से संतुलित करके देखिए। घर के रंगों को संतुलित करने मात्र से ही आपको आपके वास्तु को सही करने में काफी मदद मिलेगी।
आशा करती हूं कैसा हो घर का रंग वास्तु के अनुसार (kaisa ho ghar ka rang vaastu ke anusaar in hindi)पर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी। हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
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